Friday 30 July 2021

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लिखता हूँ मैं किसके लिए

 


ये सफ़र नई है मंज़िल पुरानी है,

ज़िंदगी नई है मगर साँसे पुरानी है ।

लिखता हूँ मैं किसके लिए मुझे ही नही पता,

स्याही नई भरी है मगर कलम पुरानी है ।

- दिनसा

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