हम पीना चाहते है.. उनकी निगाहों से, हम जीना चाहते हैं.. उनकी पनाहों में, हम चलना चाहते हैं.. उनकी राहों में, हम मरना चाहते हैं.. उनकी बाहों में! ~ दिनेश प्रजापति
बदलना नहीं आता हमें मौसम की तरह, हर एक रूप मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ |.. ना तुम समझ सको कयामत तक, कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है। . ~दिनेश प्रजापति